दिल मिले न मिले
दुश्मनी लाख सही खत्म न कीजे रिश्ता, दिल मिले न मिले हाथ मिलाते रहिए…अमृतसर के पास वाघा—अटारी बॉर्डर, मशहूर शायर निदा फाजली के इस शेर का साकार रूप दिखाता है, जहाँ 1959 से हर रोज, हर शाम भारत के बीएसएफ और पाक के पाकिस्तान रेंजर्स क जवान आपसी रंजिशे भुलाकर डांस और म्यूजिक के जरिए उत्साह और उमंग के रंगों का प्रदर्शन करती हैं और दोनों ओर के नागरिक इसमें शरीक होकर बताते हैं कि भाईचारे का रंग, दुश्मनी के रंग से ज्यादा गहरा है.
- संजीव कुमार अग्रवाल, अमृतसर से