Ab life ke aur kareeb

द क्रालिंग ट्रेन

रेल की सीटी, छुकछुक, सामने किसी स्नेक की तरह लहराती आकृति… हम सभी के जीवन में रेल एक बचपन की एक मीठी याद के रूप में मौजूद है.

चाहे उसके भीतर बैठकर अलग—अलग लोगों के साथ सफर करने की बात हो, चाहे बाहर खड़े होकर उसे सामने से गुजरते देखने की, रेल का अपना ही एक मजा होता है… फिर भले ही वह खिलौना ट्रेन ही क्यों न हो.

रिपोर्ट: भूमिजा अग्रवाल

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