Ab life ke aur kareeb

इंस्टेंट टैटू

एक जमाना था, जब टैटू बनाना और गुदवाना, दोनों में ही बहुत सब्र, सहनशक्ति और समय की जरूरत हुआ करती थी. फिर इंस्टेंट चीजों का जमाना आया, इंस्टेंट नूडल, इंस्टेंट सूप, इंस्टेंट पॉपकॉर्न… और इंस्टेंट टैटू. टाइम तो कम लगता ही है और दर्द तो बिल्कुल ही नहीं होता. साथ ही विकल्प भी बहुत सारे मिल जाते हैं.

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