एक संसार, खिड़कियों के पार
‘‘उनके चित्रों को देखकर ऐसा लगता है, जैसे कि हम खिड़की से थोड़ा सा दूर खड़े होकर बाहर की दुनिया को एक अलग नजरिए से देख रहे हों, उनके चित्र भी उनके नाम के अनुरूप ही सुहाने हैं.” सुहानी के चित्रों की एक प्रदर्शनी में एक दर्शक की यह टिप्पणी उनके सृजन कर्म के बारे में बहुत कुछ कह देती है.
हर चीज में कला तलाश लेने वाली चित्रकार एवं लेखिका सुहानी जैन के चित्रों में ज्यामिती आकारों और मुक्त हस्त रेखाओं का अद्भुत संयोजन देखने को मिलता है. म.प्र. के ग्वालियर स्थित गवर्नमेंट स्कूल आॅफ फाइन आर्ट से मास्टर आॅफ फाइन आर्ट की डिग्री प्राप्त सुहानी ने इंदिरा कला संगीत विश्वव़िद्यालय से संगीत की भी शिक्षा ली है.
मानव संसाधन मंत्रालय की ओर से सांस्कृतिक स्रोत एवं प्रशिक्षण केंद्र की ओर से फेलोशिप प्राप्त सुहानी को इंडियन रॉयल एकेडमी आॅफ आर्ट एंड कल्चर की ओर से वूमैन आॅफ द इयर और डॉट सर्चिंग टैलेंट जैसे प्रतिष्ठित सम्मानों से नवाजा जा चुका है. उनके चित्रों की कई एकल व समूह प्रदर्शनियां आयोजित हो चुकी हैं. वह एक दर्जन से अधिक कला शिविरों का आयोजन अथवा भागीदारी कर चुकी हैं.
इसके अलावा उन्होंने बच्चों के लिए एक ड्राइंग बुक बाल रंग जिन धर्म संग भी तैयार की है.बहुमुखी प्रतिभा की धनी सुहानी से हमने उनके सृजन कर्म के बारे और जानने के लिए एक मुलाकात की, जिसका सार आपके लिए प्रस्तुत है. – संदीप अग्रवाल
Exhibition video: https://youtu.be/ZYJllyTcXEU