Ab life ke aur kareeb

सन्नाटे वाली सड़क

इन उम्र से लम्बी सड़कों को/ मंज़िल पे पहुँचते देखा नहीं/ बस दौड़ती फिरती रहती हैं/ हमने तो ठहरते देखा नहीं… पता नहीं, गुलजार बाबा की इन पंक्तियों से आप कितना मुतमईन होंगे, लेकिन जब सड़कें खाली नजर आती हैं तो बड़ा सुकून और सुरक्षा का एहसास कराती हैं.

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