Ab life ke aur kareeb

हाट में राजा जी

अब न रजवाड़े रहे ना राजमहल… प्रजा ही राजा है और राजा ही प्रजा. एक क्राफ्ट मेले में तरह—तरह के राजा भी कतार में लगे हैं कि कोई कद्रदान आए और उनमें से किसी को पसंद कर अपने घर में ले जाकर सजा दे. आप भी अपनी पसंद का कोई राजा चुन लीजिए.

  • सूरज तेलंग, नागपुर

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