Ab life ke aur kareeb

राइट ट्रैक

जो सीधे बच्चे होते हैं, वे सीधे रास्ते पर चलते हुए अपना सफर तय करते हैं, लेकिन जो बच्चे डेअरिंग और नॉटी होते हैं, वे हर रास्ते से गुजरकर देखना चाहते हैं… जरूरी नहीं कि जो स्ट्रेट हो, वही राइट भी हो. एक तो जाना और फिर उसी रूट से वापस आना… है तो कलाकारी ही.

Comments are closed.