कथकली
भारत के प्रमुख शास्त्रीय नृत्य स्वरूपों में से एक कथकली कथा का नृत्य रूपांतर है. इसकी उत्पत्ति लगभग तीन सौ साल पहले मानी जाती है. इसमें भारी मेकअप, रंगबिरंगी वेशभूषा और बड़े—बड़े मुखौटों का इस्तेमाल होता है.
सभी शास्त्रीय नृत्यों की तरह इसमें भी नृत्य के साथ—साथ संगीत, कोरियोग्राफी और अभिनय का समावेश तो होता ही है, साथ ही इसमें केरल की प्राचीन मार्शल आर्ट और खेलों को भी शामिल किया जाता है.
रिपोर्ट: बीपेन्द्र कुमार सिंह