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फिश थेरेपी

छली सिर्फ जल की ही रानी नहीं है, कभी-कभी तो यह सब हकीमों की नानी साबित होती है. फिश थेरेपी में इनका कारगर इस्तेमाल आजकल बहुत चलन में है. इसमें त्वचा रोग से पीड़ित व्यक्ति अपना हाथ या पैर पानी में लटका देता है और मछलियां बड़े चाव से उस अंग कीी मृत त्वचा खाती रहती हैं. इस दौरान दर्द तो नहीं होता, अलबत्ता गुदगुदी जैसा जरूर लगता रहता है.

  • दर्शना सूरज तेलंग, नागपुर

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