Ab life ke aur kareeb

मंडे मूवीज-खुमार

कई बार कुछ कहने के​ लिए शब्द नाकाफी होते हैं तो कई बार गैर जरूरी. इस छोटी सी​ फिल्म के मामले में दूसरी बात ज्यादा मुफीद जान पड़ती है. देखिए और कुछ सेकेंड, 80ज के दौर की फ्लर्टिंग के साथ फील गुड कीजिए.

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