मौत का कुंआ
हममें से शायद ही कोई ऐसा होगा, जिसने अपने गॉंव, कस्बे या शहर में साल दर साल लगने वाले मेलों या कार्निवालों में इस अद्भुत खेल का आनंद न लिया हो, हालांकि इस पूरे शो के पॉंच मिनट जबर्दस्त ध्वनि और वायु प्रदूषण से भरे होते हैं, लेकिन साथ ही एक ऐसे रोमांच का भी अहसास कराते हैं, जो भीतर तक सिहरा दे. आपका रोमांच, उनके लिये जीविका का जरिया है, जो जान हथेली पर रखकर हासिल की जाती है.