हम हैं टोपीबाज…
अमूमन जब हम किसी को टोपीबाज कहकर संबोधित करते हैं तो वह यकीनन इससे खुद को सम्मानित महसूस नहीं करता होगा. लेकिन, इनके साथ ऐसा नहीं है. इन्हें दूसरों को टोपी पहनाने की कला बहुत अच्छे से आती है और बड़े गर्व के साथ ये दिन भर में दर्जनों लोगों को टोपियॉं पहनाते हैं और लोग, खुशी-खुशी पहनते भी हैं.
- सूरज तेलंग, नागपुर