Ab life ke aur kareeb

कारीगरी से कमाई

भारतीय हस्तकला मे कई कलात्मक कार्य होते हैं. जो यह कार्य करते है उन्हें अपने हस्तशिल्प पर गर्व होता है, और तब तो और भी ज्यादा, जब यह उनकी जीविका का जरिया बन जाए. राजस्थानी ह​स्तशिल्प के जरिए शौरी अम्मा और उनका नाती नारायण अपनी दो जून की रोटी हासिल कर रहे हैं. नागपुर के धरमपेठ में वीआईपी मार्ग के फुटपाथ पर उनकी यह दुकान बरबस ही अपनी ओर ध्यान खींच लेती है. बैग और मास्क पर उकेरी हुई आकृतियाँ देखने वालों को मंत्रमुग्ध कर देती हैं. शौरी अम्मा सिर्फ इन्हें बेचती ही नहीं, बल्कि लोगो को राजस्थान के हस्तशिल्प के प्रति जागरूक भी करती हैं.

-सूरज तेलंग, नागपुर

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