समय के साक्षी
स्थापत्य कला हो या शिल्पकला, यह संस्कृति की वह धरोहर है जो सैकड़ों-हजारों साल तक मनुष्य के साथ बनी रहती है. हमारे मंदिरों में इन दोनों ही कलाओं का अद्भुत संगम मिलता है. भविष्य के लिए, ऐसी ही विरासतों को आकार देते, छत्तीसगढ़ के गुमनाम कलाकार, जानते हैं कि कल वे रहें न रहें, लेकिन उनका सृजन हमेशा सबका मन मोहता रहेगा.
- अविनाश गावंडे, छत्तीसगढ़ से