जीवन चलने का नाम
नन्हे बच्चे जब तक चलना नहीं सीख लेते तक किसी की गोद का सहारा, करवटें बदलना, बैठना – उठना, रेंगना तत्पश्चात फिर चलना ऐसी क्रियाकलापो से उनके जीवन की शुरुवात होती है। इस नन्ही परी ने भी अपने जीवन की शुरुआत की है। इसे रेंगते हुए यह आभास हो रहा है कि जीवन का सफर कठिनाइयों से भरा हुआ है, लेकिन हंसते हुए इसे पार करना है।
- सूरज तेलंग