पेन और ब्रश
हर शब्द के पीछे एक चित्र होता है और हर चित्र के पीछे हजार शब्द. शब्दों और चित्रों का यह रिश्ता अनादि काल से चला आ रहा है. इसी रिश्ते को आगे बढ़ाने का काम दुनिया भर के चित्रकार और लेखक सदियों से करते आए हैं. लेकिन ऐसे सृजनकर्मी बहुत कम हैं, जो कलम और कूची, दोनों ही सिद्धहस्त हैं. ऐसी ही एक हस्ती हैं,श्री सुरेश गंगाखेड़कर. दो अलग—अलग दुनियाओं के बीच संतुलन साधने वाले इस रचनाकार का खुद अपने बारे में क्या कहना है, जानने के लिए देखें, यह खास साक्षात्कार.