सापेक्षता एक्सप्रेस
गणित में आपने अक्सर यह सवाल पढ़ा होगा कि एक ट्रेन समान दूरी से दो विपरीत दिशाओं से फलां-फलां रफ्तार से आ रही हैं, वे कितनी दूरी पर एक-दूसरे को क्रॉस करेंगी. इसका उत्तर खोजने में दिमाग न लगायें, बल्कि उस वक्त को याद करें, जब आप एक दौड़िती ट्रेन में बैठकर विंडो से बगल में दूसरी दिशा से आ रही ट्रेन को क्रॉस करते हैं. आपकी रफ्तार भी वही है, उसकी भी, फिर भी वह आपको करीब दोगुनी गति से गुजरती नजर आती है. आइंस्टीन महोदय, क्या यही आपका सापेक्षता का सिद्धांत है?
संदीप अग्रवाल, दिल्ली-इटारसी मार्ग पर कहीं से