फूलों का राजा
बेशक हमारा राष्ट्रीय फूल कमल हो, सुंदरता में और खुशबू में भी दूसरे फूल इससे आगे हों, लेकिन फूलों में गुलाब का जो रूतबा है, वह देखते ही बनता है. इसके साथ बहुत सारी किंवदंतियॉं जुड़ी हैं और मौके भी. बुके हो या हार, गुलाब के बिना सूना-सूना लगता है, प्यार का इजहार इसके बिना अधूरा माना इससे गुलकंद भी बनता है और रूहअफजा या शर्बत-ए-आजम जैसे शर्बत भी… इसकी अहमियत को इसी बात से समझा जा सकता है कि रोज डे नाम से एक पूरा दिन इसे डेडिकेटेड है. अब समझे कि गुलाब को फूलों का राजा क्यों कहा जाता है.
- संदीप अग्रवाल