मेहनत की थाप
ऐसे समय में जब शहरों में साइकिल रिक्शा की जगह ई—रिक्शा ले रही हैं, कोलकाता में अभी भी हाथ रिक्शा एक परंपरा की तरह जारी है. मेहनत तो है, लेकिन मजा भी है. ऐसी ही एक हाथ रिक्शा में बैठा यह तबलावादक, शायद मेहनत की थाप पर जीवन के संगीत का आनंद लेने मेें व्यस्त है.
- सूरज तेलंग, कोलकाता से