नीड़ के निर्माता
क्या इंसान, क्या पशु-पक्षी…घर बनाना, उसमें रहना सबका सपना होता है. लेकिन परिंदों के साथ सबसे अच्छी बात यह है कि वे अपने घरौंदों को लेकर अधिकार भावना से ग्रस्त नहीं रहते, चाहे वह कितने ही खूबसूरत क्यों न हों, उन्हें बनाने में कितना ही श्रम व समय क्यों न लगा हो, उसे छोड़कर चले जाने में उन्हें जरा भी संकोच नहीं होता. जहॉं जायेंगे, नया नीड़ बसा लेंगे… यही सोच उन्हें हमसे अलग करती है.