स्वावलंबी भारत अभियान
‘दुनिया की सबसे बड़ी आबादी बनने का लक्ष्य रखने वाली हमारे देश की युवा शक्ति ही हमारी असली ताकत है और शिक्षण संस्थानों को ऐसे युवाओं को पैदा करने की वास्तविक जिम्मेदारी स्वीकार करनी चाहिए जो रोजगार की तलाश में नहीं हैं, लेकिन जो युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करेंगे’ यह कहना है, स्वाबलंबी भारत अभियान के राष्ट्रीय सचिव कश्मीरी लालजी का.
उन्होंने कृषि विश्वविद्यालय में शिक्षा निदेशक कार्यालय की ओर से कृषि महाविद्यालय अकोला के समिति हॉल में आयोजित “उद्यमिता संवर्धन कार्यशाला” के मुख्य मार्गदर्शक के रूप में अध्ययनरत विद्यार्थियों और अन्य श्रोताओं को संबोधित करते हुए विद्वतापूर्ण ढंग से उन्हें बढ़ती जनसंख्या और बेरोजगारी के बीच संबंधों को बहुत यथार्थवादी और उदाहरणों के साथ समझाया.
श्री लालजी ने कहा कि हमारे देश के युवा अपने ज्ञान और कड़ी मेहनत के दम पर दुनिया के उन्नत देशों में ख्याति प्राप्त कर रहे हैं. इसे और बढ़ाने के लिए देश में युवा पीढ़ी को एक प्रासंगिक व्यवसाय-उन्मुख और क्रिया-आधारित शैक्षिक कार्यक्रम की आवश्यकता है. स्वावलंबन भारत अभियान के माध्यम से, देश भर में उपलब्ध संसाधनों के आधार पर ग्रामोद्योगों और अन्य व्यवसायों के लिए रचनात्मक मार्गदर्शन शिविरों के माध्यम से एक पेशेवर युवा पीढ़ी निर्मित करने का बीड़ा उठाया गया है.
कश्मीरी लालजी ने जानकारी दी कि सहकारिता को बढ़ावा देने, कौशल निर्माण करने, उद्यमिता प्रशिक्षण कक्षाओं के आयोजन और भविष्य में स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देकर उद्यमिता विकास किया जाएगा.
डॉ. पंजाबराव देशमुख कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. शरद गडाख ने अपने अध्यक्षीय मार्गदर्शन में आगे कहा कि ग्राम स्तर पर उद्यमिता परामर्श क्लब बनाकर तथा समस्त ग्राम को एक मंच पर लाकर, विभिन्न विभागों की सक्रिय भागीदारी के माध्यम से गाँव में उपलब्ध कच्चे माल का प्रसंस्करण, गाँव में ही उत्पादन कर, इसके माध्यम से उद्यमिता और रोजगार सृजन का लक्ष्य हासिल किया जाएगा. डॉ. शरद गडाख ने हॉल में मौजूद कृषि स्नातकों को प्रसिद्धि के लिए काम करने की बजाय समाज के लिए काम करने की मौलिक सलाह भी दी. विदर्भ प्रांत के समन्वयक एवं पुष्प विज्ञान विभाग के प्रमुख प्रो. नितिन गुप्ता ने अपने परिचय में उक्त कार्यशाला के उद्देश्य एवं भविष्य की योजनाओं के संबंध में विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया.
इस महत्वाकांक्षी उद्यमिता प्रोत्साहन कार्यशाला के अवसर पर पूर्व विधायक अनिल सोले, स्वावलम्बी भारत अभियान के राज्य समन्वयक, विश्वविद्यालय के शिक्षा एवं अनुसंधान निदेशक डॉ. श्यामसुंदर माने, एक्सटेंशन शिक्षा निदेशक डॉ. धनराज उंदीरवाडे, कुलसचिव डॉ. सुरेंद्र काळबांडे की प्रमुख उपस्थिति रही। सभागार में स्वावलम्बी भारत अभियान के मार्गदर्शक श्री धनंजय भिड़े सहित समस्त सह-कुलपति, विभागाध्यक्ष, वैज्ञानिक, अधिकारी, अन्य प्राध्यापक, कर्मचारी, विद्यार्थी एवं संशोधक विद्यार्थी आदि उपस्थित थे. कार्यक्रम का संचालन विश्वविद्यालय के छात्र कल्याण अधिकारी संदीप हडोले द्वारा किया गया, जबकि उपस्थित लोगों का आभार प्रदर्शन प्रोफेसर डॉ. दिनेश पैठणकर ने किया.
- संदीप अग्रवाल, नागपुर