मंजिलें अपनी जगह, रास्ते अपनी जगह…
कुछ रास्ते मंजिल जैसे ही खूबसूरत होते हैं. कोठद्वार के कण्व आश्रम से कुछ ही दूरी पर स्थित यह रास्ता ले जाता है माता जगदम्बा मंदिर की ओर. मंदिर में जो आनंदानुभूति होती है, वह तो अतुल्य है ही, लेकिन वहॉं तक ले जाने वाला यह सफर भी कुछ कम आनंददायक नहीं है.
- संदीप अग्रवाल, कोठद्वार से