बकरे की खैर
बकरी देखने में बहुत निरीह होती है और इसके बारे में सोचते ही भेड़िये और बकरी की कितनी ही कहानियां और हर साल इसकी कुर्बानियां याद आ जाती हैं. लेकिन, जानकारों का मानना है कि ये पर्यावरण की बहुत बड़ी शत्रु हैं और इनके रेवड़ बड़े—बड़े खेत चर जाते हैं, जिससे हरियाली और खेती को ही नहीं, बल्कि ईकोसिस्टम को भी बहुत क्षति पहुँचती है. जिन्हें इस बात पर यकीन न हो, उनके लिए यूनान का सामोथराकी द्वीप एक भयावह उदाहरण है, जहाँ बकरियों की तादाद इंसानों से 15 गुना ज्यादा है और उनकी लगातार चराई ने मिट्टी के क्षरण को खतरनाक स्तर तक पहुँचा दिया है.भारी बारिश में पेड़ों की गैरमौजूदगी लैंडस्लाइड की वजह बनती है, जिससे सड़कों और इमारतों को भारी नुकसान पहुँचता है.