आसमान में आतिश
पहले पटाखों और दीवाली को एक—दूसरे का पूरक माना जाता था. यानि पटाखे नहीं तो दीवाली नहीं और दीवाली नहीं तो पटाखे नहीं. लेकिन, अब ऐसा नहीं है. किसी की शादी हो, भारत ने क्रिकेट को पाकिस्तान में हराया हो, अपना कोई चहेता कैंडिडेट चुनाव जीता हो…किसी भी खुशी के मौके पर आतिशबाजी छोड़कर अपना उत्साह प्रदर्शित करना बेहद आम है. इस दौरान, आसमान में बहुत सुंदर नजारा उत्पन्न हो जाता है, लगता है जैसे किसी ने रोशनी के हजारों फूल आसमान में बिखरा दिये हों.