ईमू क्या जाने…
यह है ईमू… इसक रंग-रूप भले ही शुतुरमुर्ग जैसा हो, लेकिन नियति मुर्ग वाली ही होती है. नहीं समझेᨇ? अरे भाई, जिस तरह पोल्ट्री फॉर्म में चिकन और अंडों के लिए मुर्गे पाले जाते हैं, उसी तरह ईमू की भी फार्मिंग होती है. इस ईमू फॉर्म में मौजूद इन बेचारों को शायद यह बात पता नहीं है, वर्ना इतनी मस्ती न कर रहे होते.
हिमांशु खोले, संगमनेर से