Posted on Jan 25, 2022 at 6:25 pm · by Team ZN 0 अनामंत्रित अतिथि कुछ मेहमान बिन बुलाए होते हैं और बहुत आशावान भी. उन्हें पता है कि अतिथि देवो भव की परंपरा हमारे जीवन में कूट—कूटकर भरी है, इसलिए एक बार चले गए तो खाने को कुछ न कुछ मिल ही जाएगा. Team ZN View all posts by Team ZN → Comments are closed.