फूल हैं, बहार है
फूल जब खिलते हैं तो उपवन में बहार लाते हैं, और जब बिकते हैं तो जीवन में. बरसात के दर्जनों राउंड ने फूलों की प्यास तृप्त कर दी है तो वे भी अपने पूरा शबाब बिखराने के लिए हाजिर हैं. ये हैं रामा कुम्भारे, जिनके लिए फूल मन को सुकून देने के साथ-साथ, जीविका का जरिया भी हैं.
- सूरज तेलंग, नागपुर से