रेलवे प्लेटफॉर्म
एक ही जगह पर जिंदगी के अलग-अलग रूप देखने हों तो रेलवे प्लेटफॉर्म से बेहतर जगह शायद ही कोई मिले. यहॉं लोग तरह-तरह के रूप धारण किये नजर आते हैं. कोई दौड़ता हुआ, कोई टहलता हुआ, कोई चढ़ता हुआ, कोई उतरता हुआ, कोई पानी पीता हुआ तो कोई गुस्सा पीता हुआ, कोई कुछ खरीदता हुआ, कोई बेचता हुआ. कोई बैठता हुआ तो कोई उठता हुआ. कोई आगे बढ़ता हुआ तो कोई पीछे छूटता हुआ… शायद इसीलिए, किसी ने कहा है कि यह दुनिया एक रेलवे प्लेटफॉर्म की तरह है, जहॉं आप सबके साथ होते हैं, लेकिन आपके साथ कोई नहीं होता.
- संदीप अग्रवाल, नई दिल्ली से