Posted on Jun 1, 2022 at 11:30 am · by Team ZN 0 यूँ ही चला चल… सड़क पर सफर करते समय दृश्य कुछ इस कदर तेजी से बदलते हैं कि ऑंखें कुछ भी दोबारा नहीं देख पातीं. शायद इसी को देखकर शायर के दिमाग में ये लाइन आयीं होंगी कि आदमी ठीक से देख पाता नहीं, और पल में ये मंजर बदल जाता है… Team ZN View all posts by Team ZN → Comments are closed.