Ab life ke aur kareeb

असुविधा के लिए खेद है

सड़क के किनारे खुदी हुई मिट्टी के टीले, निर्माण सामग्री के ढेर, विकास की बलि चढ़े पेड़ों के अवशेष… हाईवे के सफर में यह एक बहुत आम नजारा है… कहीं सड़कें चौड़ी हो रही हैं, कहीं फ्लाईओवर बन रहे हैं, कहीं अंडर पास… अपनी दुर्दशा पर जंगल रो रहा है, लेकिन कोई कुछ नहीं बोलता, क्योंकि विकास हो रहा है.

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