Ab life ke aur kareeb

इल्यूजन का आर्ट

जो आँखें देखती हैं, जरूरी नहीं कि हमेशा वही सच हो. हम चीजों के सिर्फ तीन आयाम ही देख पाते हैं… और जब चौथा आयाम देखते हैं तो पता चलता है ​कि यह तो कुछ और ही है. इस वीडियो में गुरु रवीन्द्रनाथ टैगोर की एक त्रिआयामी तस्वीर को देखिए, जिसे साइड से देखने पर कोई समझ ही नहीं पाएगा कि यह एक पोर्ट्रेट है.

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  • सूरज तेलंग, कोलकाता से

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