Ab life ke aur kareeb

मेघदूत रिटर्न्स

रामटेक की एक पहाड़ी पर स्थित यह प्राचीन मंदिर तो पर्यटकों व श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र है ही, इसी के पास एक कालीदास स्मारक भी है, जिसके बारे में माना जाता है कि महाकवि कालीदास ने अपने अमर काव्य मेघदूत की रचना इसी स्थान पर की थी. मंदिर को छूते हुए गुजरने वाले इन बादलों को देखकर लगता है कि सैकड़ों साल बाद शायद फिर कोई यक्ष अपनी प्रेयसी को मेघों के माध्यम से अपना संदेश भेज रहा हो.

  • मनीष कुबेर

Comments are closed.