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काम का विचार, खजुराहो ने किया साकार

भारतीय राज्य मध्य प्रदेश के छतरपुर ज़िले में स्थित खजुराहो, एक ऐसा कस्बा है, जो अपनी अतुत्य शिल्प कला के कारण पूरे विश्व के पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है. यह एक ऐसा मंदिर समूह है, जिसमें प्रदर्शित प्रतिमायें भारतीय दर्शन में प्रदत्त जीवन के चार लक्ष्यों, धर्म, अर्थ, काम व मोक्ष, में से काम को एक उपास्य रूप में प्रस्तुत करती हैं. इन मन्दिरों का निर्माण चन्देल राजवंश के काल में हुआ था. अधिकतर मंदिर राजा यशोवर्मन और धंग के शासन काल में निर्मित हुए. यशोवर्मन की विरासत का उत्कृष्ट नमूना लक्ष्मण मंदिर है जबकि धंग विश्वनाथ मन्दिर के लिए प्रसिद्ध हुए. वर्तमान में इनमें सबसे लोकप्रिय मंदिर कन्दारिया महादेव है जिसका निर्माण चन्देल राजवंश के शासक विद्याधर ने करवाया था. मंदिरों के अभिलेखों पर उत्कीर्ण जानकारी से पता चलता है कि इनका निर्माण 970 से 1030 ईसा पूर्व में हुआ था. माना जाता है कि 12वीं शताब्दी तक खजुराहो की देखभाल हिन्दू शासकों के हाथ में थी तो उस समय 85 मन्दिर थे. इसके बाद कुतुबदीन ऐबक ने आक्रमण किया तो मंदिरों को काफी क्षति पहुँचायी गयी. रही-सही कसर उसके बाद सदियों तक चले मुगल शासकों के विस्तारवादी हमलों और समय के थपेड़ों ने पूरी कर दी.

  • वसंत पारधी, खजुराहो से

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